Free Convert old Diesel Petrol car to an electric car

पुरानी पेट्रोल या डीजल कार को इलेक्ट्रिक में कन्वर्ट कराएं।

पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों से देश की इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) इंडस्ट्री को बढ़ावा मिल रहा है। एक तरफ हर महीने इलेक्ट्रिक व्हीकल की बिक्री के आंकड़े बढ़ रहे हैं, वहीं दूसरी ओर इस सेगमेंट में कई कंपनियां भी कूद पड़ी हैं। टाटा के मुताबिक 2025 तक उसकी कुल बिक्री में 25% गाड़ियां इलेक्ट्रिक होंगी। हालांकि कॉमन मैन के लिए इलेक्ट्रिक कार का सौदा अभी काफी महंगा है। देश में सबसे ज्यादा बिकने वाली टाटा नेक्सन ईवी की एक्स-शोरूम कीमत 14 लाख से शुरू है।
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मोटर व्हीकल्स में हॉर्स पावर के दम पर कई किट्स का इस्तेमाल होता है. इनकी रेंज 800cc से 2500cc तक होती है. हर रेंज के मुताबिक इन्हें फिट किया जाता है. फिटिंग के बाद इन्हें बैटरी से जोड़कर चार्ज किया जाता है. इसे पूरा चार्ज करने के लिए करीब 7 घंटे का वक्त चाहिए. पूरा चार्ज होने पर इसकी रफ्तार 100 से 120 किमी तक हो सकती है।

हाइब्रिड रेट्रोफिटिंग या इलेक्ट्रिक इंजन किट की कीमत हर कार के हिसाब से अलग है. अगर हैचबैक कारों की बात करें तो इसमें तकरीबन 80 हजार रुपए तक हो सकती है. वहीं, डीजल इंजन और सिडान कारों में इसकी कीमत 1 लाख रुपए तक पहुंच सकती है. वहीं, एसयूवी के लिए इसकी कीमत और ऊपर भी हो सकती है।

खर्च कितना आएगा ?

किसी भी नॉर्मल कार को इलेक्ट्रिक कार में बदलने के लिए मोटर, कंट्रोलर, रोलर और बैटरी का इस्तेमाल किया जाता है। कार में आने वाला खर्च इस बात पर डिपेंड है कि आप कितने किलोवॉट की बैटरी और कितने किलोवॉट की मोटर कार में लगवाना चाहते हैं, क्योंकि ये दोनों पार्ट कार के पावर और रेंज से जुड़े होते हैं। जैसे, करीब 20 किलोवॉट की इलेक्ट्रिक मोटर और 12 किलोवॉट की लिथियम आयन बैटरी का खर्च करीब 4 लाख रुपए तक होता है। इसी तरह यदि बैटरी 22 किलोवॉट की होगी, तब इसका खर्च करीब 5 लाख रुपए तक आएगा।
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कितने रुपए १ किमी लगता है?

इलेक्ट्रिक कार 74 पैसे में एक किमी तक चलती है। पेट्रोल या डीजल कार को इलेक्ट्रिक कार बनाने वाली ये कंपनी 5 साल की वारंटी भी देती हैं। यानी आपको कार में इस्तेमाल होने वाली किट पर कोई एक्स्ट्रा खर्च नहीं करना होगा। वहीं, बैटरी पर कंपनी 5 साल की वारंटी देती है। यानी 5 साल के बाद आपको बैटरी बदलने की जरूरत होगी। वहीं, पेट्रोल या डीजल कार में आपको सालाना सर्विस का खर्च भी करना होगा। ये आपको किट और सभी पार्ट्स का वारंटी सर्टिफिकेट भी देती हैं। इसे सरकार और RTO से मंजूरी होती है।

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